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मनोविज्ञान के अनुसार आप क्या सवाल पूछते हैं लोग वही उत्तर देते हैं, अगर आप किसी चीज़ के बारे में पूछें इस चीज़ में अच्छा क्या है तो लोग उसमें अच्छा देख सोच कर बोलेंगे, अगर आप किसी चीज़ के बारे में उस चीज़ में बुरा क्या है यह पूछेंगे तो लोग उसमें बुरा देख सोच कर बोलेंगे l लोगों को अपने अनुसार ही बुलवाने के लिए वैसा माहौल बनाना होगा l अपना परिचय बाद में देना है पहले उपयुक्त माहौल बनाना है l ध्यान में रहे कभी भी पहले अपना ID कार्ड या संस्था का नाम बता कर बात शुरू नहीं करनी है संस्था का नाम, या खुद को समाज सुधारक बोलने से लोगों में यही रहता है चन्दा मांगने आया है l
आज कल दुनिये ऐसे इन्सानों से भरी पड़ी हैं जिन्हे यह शिकायत है उनकी परेशानी कोई सुनता ही नहीं है l कनेक्शन बिल्डिंग का हुनर होना जरुरी है और उसके लिए लोगों की समस्याओं को समझने की कोशिश करना जरुरी है l ग्राहक की बात को ध्यान से सुनो और थोड़ा रुक कर सोच कर जवाब दो ऐसा करने से ग्राहक के साथ आपका रिश्ता बनेगा l जितना ज्यादा आप ग्राहक की सुनोगे उतना ही वह आपसे बातचीत करने में आराम महसूस करेगा l ग्राहक जब बोले तब जवाब में आप .....अच्छा, ऐसा हुआ ..वो कैसे..इस तरह के छोटे छोटे जवाबी सवाल कर के ग्राहक को ज्यादा मौका दो बोलने का l रोजाना आकस्मिक आत्महत्याओं के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया हैl इस तरह के सवाल करके ग्राहक को मौका देते रहना है l ग्राहक को बोलने का मौका देते रहने से वह बोल बोल कर थक जायेगा तब आप बोलो l
अमिताभ बच्चन और बहुत सारे सेलिब्रिटी भी सेल्स करते हैं l सेल्स ही एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें सबसे अधिक पैसा कमाया जा सकता है l सेल्स में आपको अपने प्रोडक्ट पर विश्वास होना चाहिए और उसी विश्वास को आपने ग्राहक के अंदर ट्रांसफर करना है l अगर यह सोचो के लोगों के पास जा कर के नहीं मिलना है तो यही सोच आपको गरीब बना देंगी l मोदी जी भी वोट के लिए सडकों पर रैलियाँ करते, राहुल गांधी भी लोगों के घर जा जा कर मिलते, तो लोगों से मिलने में हिचकचाहट को दूर कर दो l या तो लोग हमारे पास खुद चल कर आएं या हमें खुद चलकर लोगों के पास जाना है तो ही बात बनेगी l लोग आपके पास चल कर नहीं आएंगे आपको ही लोगों के पास चल कर जाना है l एक साल की मेहनत है 10 हज़ार से 25 हज़ार तक के संपर्क बना लो उसके बाद जीवन सुधर जायेगा सभी अच्छे लीडर अच्छे रीडर हैं अगर आप रीड नहीं कर सकते तो आप लीड नहीं कर सकते l हर ऐसा काम जिस से हमे फायदा होना है, हमारा अपना ही मन हमे वह काम करने को मना भी नहीं करेगा और करने भी नहीं देगा l जिस काम से हमें नुकसान होगा मन वही काम करने को प्रेरित करता रहेगा l
अगर 2 या 3 लोगो ने और या उससे अधिक लोगों ने आपके प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया तो इस अस्वीकृति की छाप अपने साथ ही ले कर 4 या 5 ग्राहक से बात करोगे तो आप इनसे भी स्वीकृति की आशा भी मत रखना क्यों के पहले आपको अस्वीकृति से उत्पन्न हुई नकारात्मकता की छाप को अपने अंदर से तुरंत बाहर फेंकने की आदत डालनी है l क्योंकि जितनी ज्यादा देर नकरत्मक्ता आपके अंदर है उतनी देर सकरात्मक आपसे कोसों दूर ही रहेगी l क्योंकि हर नए इंसान से आप मिल रहे हो और अपना प्रस्ताव बता रहे हो तो हर नया इंसान तो आपके लिए आपकी संस्था के प्रोडक्ट के लिए नया ही है l सबकी मानसिकता अलग अलग होती है l तो अस्वीकृति के लिए भी हमेशा तैयार रहना है है, आप खुद कपडा पसंद करते समय 10 दुकाने घूम लेते हो तो अपने ग्राहक को भी ऐसा करने पर दुखी नहीं होना l
अगर स्वीकरीति मिली तो स्वीकृति देने वालों का सौभाग्य और अगर अस्वीकृति मिली तो अस्वीकृति देने वालों का दुर्भाग्य, आपको खुश या ग़मगीन नहीं होना है अपना कर्म करते रहना है l कर्म करने से ही फायदा मिलने वाला है और कर्म ना करने से नुक्सान मिलने वाला है l अस्वीकृति मिलते ही 2 मिनट गहरी सांस जरूर लेना है ऐसा करने से नकारात्मकता जल्दी दूर हो जाएगी l हर वक्त पूरी ऊर्जा और पूर्ण उत्साह के साथ ही हर नए ग्राहक से मिलिए l आपका उत्साह और ऊर्जा तभी ही बरकरार रहेगा जब तक आपको खुद पर और अपने प्रोडक्ट पर पूर्ण विश्वास रहेगा l खुद पर और अपनी संस्था के प्रोडक्ट पर पूर्ण विश्वास बना कर ही रखना है l नीचे दिए गए विवरण को अच्छे से पढ़ कर समझ कर अपने विश्वास के साथ बोलना है विश्वास के अभाव में नतीजा गलत होगाl l
किसी अजनबी से बात की शुरुआत करने करने के 10 नुस्खे …
A. किसी व्यक्ति को यह कहकर पहचानने का नाटक करें, नमस्ते क्या आप सुनील हैं जिससे मैं 2 दिन पहले अपने पड़ोसी घर में मिला था? जवाब में जब वो नाह कहे तो जल्दी से कह देना शुक्र है विधाता का जिसने शक्ल बंनाने में सबमें थोड़ा थोड़ा अंतर रखा है वर्ना एक जैसी शक्ल होती सबकी तो क्या होता?
B. बस इतना कहें कि दूसरों को घूरने और मुँह बंद करके मुँह बनाने से बेहतर है बात करना।
C. बैंक, डाकघर, एटीएम, मॉल आदि के नजदीकी स्थान का पता पूछें।
D. अभी दो लोगों ने मुझ पर प्रैंक करने का प्रयास किया, आशा है आप पर यह प्रयास नहीं किया गया होगा।
E. मैंने एक लाइव सड़क दुर्घटना देखी है और क्या आपने कोई लाइव सड़क दुर्घटना देखी है।
F आपके दृष्टिकोण के अनुसार प्रतिदिन सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का क्या कारण हो सकता है?
G. क्या यह सही समय है आपसे सिर्फ 2 मिनट और 21 सेकंड बात करने का.? केवल 2 मिनट और 21 सेकंड में अपनी बात खत्म कर दूंगा l
H. मैं सड़क यात्रा में भाग्य और विरासत पर हां या नहीं प्रारूप में कुछ प्रश्नों के उत्तर मांग कर एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में लगा हुआ हूं।
I. क्या पत्तों पर पानी छिड़कने से पानी जड़ तक जा सकता है?
J, आपदा को रोकने के लिए कार्रवाई करना या आपदा होने का इंतजार करना और फिर कार्रवाई करना, आपके दृष्टिकोण के अनुसार कौनसा बेहतर विकल्प है।
इन में से किसी भी एक नुस्खे का इस्तेमाल करके आप बातचीत शुरू कर सकते हैं
1. सामने वाले को यह विश्वास दिलाने के लिए आपसे बात करने से उसे कोई नुक्सान नहीं होने वाला है, आरामदायक माहौल बनाने के लिए, कुछ 2 या 3 पंक्तियाँ नीचे वाले पैराग्राफ से चयन कर के बोलिये ....
1.1 अंधेरे का प्रकाश से कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन प्रकाश को सक्रिय होना चाहिए। प्रकाश के अभाव में अंधकार अपनेआप ही हो जाता है।
1.2 सड़क पर बचाव और हादसों का कोई मेल नहीं बचाव सक्रिय रहना चाहिए, लेकिन बचाव के अभाव में हादसा अपनेआप हो जाता है l
1.3 सड़क पर एकाग्रता और भटकन का कोई मेल नहीं, लेकिन एकाग्रता सक्रिय रहनी चाहिए, एकाग्रता के अभाव में भटकन अपनेआप हो जाती है l
1.4 मन की गुलामी और मन की बादशाहत का कोई मेल नहीं, लेकिन मन की बादशाहत को सक्रिय रहना चाहिए, मन की बादशाहत के अभाव में मन की गुलामी अपनेआप हो जाती है।
1.5 गलती का सही से कोई मेल नहीं है, लेकिन सही सक्रिय होना चाहिए। सही के अभाव में गलती अपनेआप हो जाती है।
1.6 अच्छी किस्मत और बुरी किस्मत का कोई मेल नहीं, लेकिन अच्छी किस्मत सक्रिय रहनी चाहिए अच्छी किस्मत के अभाव में बुरी किस्मत अपने आप हो जाती हैl
2. आकस्मिक आत्महत्याएँ वैश्विक समस्या है इस समस्या से निजात पाने के लिए दुनिया क्या कर रही है?
2.1 पूरी दुनिया और संयुक्त राष्ट्र संघ भी आकस्मिक आत्महत्याओं को कम करने के लिए सब जागरूकता अभियान एवं प्रोग्राम चला रहे और लोग इनमें हिस्सा लेते प्रशंसा करते तालियां बजाते परन्तु मन के बश में पुरानी आदत को ही दोहराते और गलत को ही सही मान चुके हैं l
2.2 सड़क हादसों की रोकथाम के लिए सही बात का ज्ञान बांट रहे हैं और लोग इस ज्ञान को ऊपरि समझ पर ही रख लेते हैं, आंतरिक समझ पर नहीं ले जाते, परिणाम स्वरुप सही ज्ञान को अमली जामा नहीं पहनाते l सही बात को अमली जामा पहनाने का काम दुनिया में कोई नहीं कर रहा हैl
2.3 रोज रोज की आकस्मिक आत्महत्याओं पर लगाम लगाने के लिए, मन पर बादशाहत कायम करने के लिए है, सड़क पर आवागमन के दौरान ध्यान की एकाग्रता बढ़ाने के लिए है, सड़क उपभोक्ता की पुरानी आदत, मानसिकता, किस्मत और विरासत दरुस्त करने के लिए, आंतरिक बुद्धिमत्ता को उजागर करने के लिए एक विशेष तंत्र की जरूरत है l
2.4 पत्तियों पर पानी डालने से पौधा फलीभूत नहीं होता, उसके लिए पानी को पौधों की जड़ तक ले जाना होता हैl ज्ञान को ऊपरी बुद्धिमत्ता पर रखने से वह फलीभूत नहीं होता, उसके लिए ज्ञान को आंतरिक बुद्धिमत्ता तक ले जाना होता है l पौधे की पत्तियों पर ही पानी का छिड़काव कर रहे, जड़ों पर पानी कोई नहीं डाल रहा है l
2.5 सड़कों पर आवागमन करते समय आपको किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ?
2.6 बाहरी समस्याओं को सुनने के बाद कहना है, बाहर की दुनिया पर हम कंट्रोल नहीं कर सकते पर खुद की आंतरिक दुनिया पर हम कंट्रोल कर सकते हैं गुलाम की जगह बादशाह बन सकते हैं ?
2.7 जिन के घर है मन की मनमानी उनके घर है बदहाली, जिनके घर है मन की बागवानी उनके घर है खुशहालीl
2.8 ग्राहक से उसके परिवार के बारे में पूछिए, परिवार में कितने लोग रोज़ सडकों पर जाते ? कितने लोग सप्ताह में 2-3 बार सड़क पर जाते हैं. कितने लोग 2 पहिया वाहन चलाते और कितने लोग 4 पहिया वाहन चलाते और कितने लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आवागमन करतेl परिवार में कितने लोग रोजी रोटी कमाने घर से बाहर जातेl उन्हें भी बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता होगा l सही ज्ञान हांसिल कर के ऊपरी समझ पर ही रख कर आवागमन कर रहे, उसे आंतरिल समझ पर ले जाकर अमली जामा नहीं पहना रहे l
2.9 गाड़ी चलाना तो लोग सीख लेते पर सड़क पर आवागमन करने का, आकस्मिक आत्महत्या से खुद को कैसे बचाना यह सब कहीं से भी परिशिक्षण नहीं लिए l सडकों पर हमारे एक्शन और आदतें ही हमारी किस्मत और विरासत बनाती हैं
2.10 आकस्मिक आत्महत्या का खतरा तो महामारी से भी घातक हैl मेरा एक दोस्त हाल ही में आकस्मिक आत्महत्या का शिकार हो गया l कमाने वाला वही था अब उसके घर में बूढ़े माँ बाप और 2 बहने गरीबी की रेखा से नीचे हो जाएंगे l
2.11 बड़े दुर्भागय की बात है भारत में रोजाना 500 से अधिक लोग आकस्मिक आत्महत्या के शिकार हो रहे उनके शव घर बापिस आ रहे l
2,12 प्रत्येक सड़क उपयोगकर्ता दावा कर रहा है कि वे सुरक्षित सड़क उपयोगकर्ता हैं लेकिन भारत में हर दिन लगभग 500 सड़क उपयोगकर्ता सड़क दुर्घटनाओं में मर रहे हैं और वे भी यही दावा कर रहे थे l यानी उनका दावा झूठा है. हम खुद को छोड़कर बाकी दुनिया से सवाल करते हैं, आइए अब खुद से सवाल करें और सड़क सुरक्षा पर आत्मनिरीक्षण करें। सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की समिति ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए पैदल यात्रियों का सर्वेक्षण करने के लिए भारत सरकार को निर्देश जारी किए हैं। मदर इंडिया केयर ने सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा आत्मनिरीक्षण शुरू किया है l प्रत्येक सड़क उपयोगकर्ता को नियमित रूप से वर्ष में तीन बार आत्मनिरीक्षण में भाग लेना चाहिए। शोध से पता चला है कि तीन बार आत्मनिरीक्षण करके हम अपने अंदर सबसे बड़ा बदलाव ला सकते हैं। आत्ममंथन के दौरान अगर हमें अपने अंदर खामियां नजर आती हैं तो हम गिब्मा क्रिया करके उसे सुधार सकते हैं l मात्र 200 रुपये देकर साल में तीन बार आत्मनिरीक्षण किया जा सकता है। हम 200 रुपये के मोचन मूल्य के साथ एक सौ रुपये के कूपन भी बेच रहे हैं। आपको एक हजार रुपये देकर कम से कम 10 कूपन खरीदने होंगे और आप इन कूपन को अपने परिवार और दोस्तों को गिफ्ट कर सकते हैं और जीवन रक्षक बन सकते हैं। वरना आप 200 रुपये का कूपन भी खरीद सकते हैं.
आकस्मिक आत्महत्याओं के मूल कारण को ठीक करने के लिए नेशनल सर्वे कर रहे हैं l
3. यहाँ पर आपने अपना परिचय देना है यह कह कर के ......
3.1 मैं मदर इंडिया केयर से हूं एडवाइजर हूं l मैं सड़क यात्रा में लोगो की किस्मत और विरासत को दरुस्त करवाकर उन्हें चैंपियन बनवाता हूं.l
3.2 नेशनल सर्वे के तहत सड़क यात्रा में किस्मत और विरासत का सर्वे कर रहे हैं.....
3.3 देश भर के, हर परिवार के, हर एक सदस्य की सड़क यात्रा में किस्मत और विरासत दरुस्त करवा रहे, किसी को भी पीछे नहीं छोड़ रहे हैं.
3.4 FCA विज़न बोर्ड में दिए गए आइटम नंबर 31 के जरिये सर्वे करना शुरू करना है l क्लिक करने के सर्वे के नतीजे वाला पेज आने परवहां जो कुछ लिखा है वो पढ़ कर सुनाना है या पढ़ने के लिए बोलना है और नीचे फोटोग्राफ और शादी वाली वीडियो भी दिखानी है और कहना है सड़क पर मन के वश में हम आकस्मिक आत्महत्या के शिकार हो रहे हैं.
4. इसके काड उसी पेज पर लाल रंग की लाइन पर क्लिक कर के या उसी पेज पर वीडियो के नीचे सड़क हादसे वाली फोटोग्राफ पर क्लिक करके इस प्राणघातक समस्या के समाधान की जानकारी के लिए, किस्मत और विरासत को ठीक करने का उपाय जान लेने को कहना है l
4.1 जब नया पेज खुले तो वहां पर लिखे समाधान के सारे पॉइंट पढ़ कर बताने हैं या पढ़ने के लिए बोलना है l वहां पर एक वीडियो भी है उसे भी दिखाना है और कहना है, सरकार ने हाल ही में समाजिक संस्थाओं से अनुरोध किया है लोगों की मानसिकता पर काम करने के लिए, मानसिकता को बदलने के लिए ताकि आकस्मिक आत्महत्याओं को कम किया जा सके l
4.2 मन की मर्जी की गुलामी कर कर के , मन की बात मान करके अगर उसका तत्कालीन नुक्सान की जगह अगर तत्कालीन आराम और सुख मिला तो हमने उसे सही ही मान लिया है और उसे दोहरा करके उसे अपनी आदत बना लिया है l
4.3 सड़कों पर आवागमन के समय अल्पकालीन सुख का चयन करके, सुविधा का आराम का चयन कर के अपने मन की गुलामी कर कर के मन की मर्जी की आपूर्ति तो होती रही है पर मन की मर्जी की आपूर्ति होने से बड़ी संकटमय समस्या पैदा हो कर अकस्मिक आत्महत्या के रूप में हमारी किस्मत और विरासत बन चुकी है जिसे तुरंत बदलने की जरुरत है l
4.4 क्या आपने सड़क यात्रा में अपनी किस्मत और विरासत को दोबारा से परिवर्तन की पुस्तिका में दरुस्त कर के लिख लिया है l क्यों की आज की तारीख में हम सब की किसमत और विरासत पर आकस्मिक आत्महत्या का खतरा मंडरा रहा है l मैने खुद और मेरे सभी परिचित लोगों ने यह नेक काम कर लिया है l
4.5 न लिखने वाले 500 से अधिक लोग रोजाना आकस्मिक आत्महत्या के शिकार हो रहे हैं और इन पीड़ितों में वही लोग ही हैं जो खुद को सड़क आवागमन में बहुत अनुभवी और सुरक्षित समझते थे और उन सभी का ऐसा मानना पल में ही चूर चूर हो रहा है l क्योंकि यही लोग अपने आत्म सुधार पर ताला लगा चुके हैं l सड़कें तो महामारी से भी घातक हैं और सडकों पर खुद को सुरक्षित समझने समझदारी नहीं है l
4.6 बाहरी दुनिया को कंट्रोल नहीं किया जा सकता पर खुद के चंचल मन पर तो कंट्रोल किया जा सकता हैl बिगड़ी किस्मत और विरासत को दरुस्त करने के लिए भारत सड़क यात्रा की किस्मत और विरासत को दोबारा से लिख रहा है और आप भी सड़क यात्रा की किस्मत और विरासत को परिवर्तन की पुस्तिका में लिखने की जहमत करें और चैंपियन बने l
4.7 जिंदगी में कुछ हासिल कर लेने से अक्सर लोग बहुत गुरुर करने लगते हैं और ऐसे लोगों को शमशान घाट का एक दौरा जरूर करना चाहिए क्योंकि जीवन में बहुत बड़ा बड़ा हांसिल करने वाले सब राख बने हुए हैंl
4.8 सड़कें महामारी से भी घातक हैं और सड़क आवागमन में अनुभव हांसिल करने वालो को एक बार यह जरूर सोचना चाहिए रोजाना 500 से अधिक लोग आकस्मिक आत्महत्या का शिकार हो रहे हैं और वे भी खुद को बहुत अनभवी और सुरक्षित समझते थे l ऐसे सब लोगों का गरूर एक एक कर के रोज़ चकनाचूर हो रहा है l
4.9 सलाह को चोट लगने के बाद मान लेना, ठीक वैसा ही होता है जैसे मृत्यु के बाद दवा देना, और जब सलाह की बेहद जरुरत होती है तब लोग सलाह पर अमल नहीं करते, अमल तब करते हैं जब कोई अपना आकस्मिक आत्महत्या का शिकार हो जाता हैl
4.10 विनाश को रोकने के लिए कार्रवाई करना मानवीय, विनाश के बाद कार्रवाई करना अमानवीय है l इंसानियत के स्तर पर ही बने रहना सबसे अच्छी समझदारी की बात है l
4.11 अभी भी अपने मन के गुलाम ही बने रहना है, भूतकाल की गलतियों में सुधार करने को अभी भी टालते ही रहना है, अभी भी सोते ही रहना है, तो याद रखना आकस्मिक आत्महत्या का वायरस कभी भी विनाश कर देगा l
4.12 अभी के अभी ही सड़क यात्रा में अपनी किसमत और विरासत को दोबारा से और सही ढंग से लिखने का सुनहरी मौका है वो भी 1000 रूपए की जगह 100 रूपए के डिस्काउंट कूपन के जरिये तुरंत एक्शन लें सोचने में समय न बर्बाद करें क्यों के समय और समझ दोनों एक साथ नहीं आते, जब समय रहता है तब समझ नहीं आती और जब समझ आती है तब समय निकल जाता है l जल्द ही डिस्काउंट कूपन की बिक्री बंद हो जाएगी और आपको यह 399 रूपए की डिजिटल किट है, 599 रूपए की स्टैण्डर्ड किट है और 999 रूपए की डीलक्स किट है इनमें से किसी एक को खरीददारी करनी पड़ेगी
4.13 सड़क यात्रा में अपनी खुद की किस्मत और विरासत को दोबारा से अपनी एक परिवर्तन की पुस्तिका में लिख कर दरुस्त कीजिये और अपने परिवार के सभी सदस्यों से, अपने रिश्तेदारों से और अपने सभी परिचित लोगों को भी प्रेरित कीजिये l सड़क सुरक्षा की किस्मत और विरासत को दोबारा से लिखने की किट प्राप्त कीजिये l
5. दुष्परिणाम ....... कूपन को न लेने के नुक्सान जरूर बताने हैं.
5.1 विनाश को रोकने के लिए कार्रवाई करना मानवीय, विनाश के बाद कार्रवाई करना अमानवीय 5.2 गीता के अनुसार यह जानकर चुप रहना पाप है कि घोर घोर अनर्थ चल रहा है, कुछ करने की क्षमता होते हुए भी कुछ न करना पाप है। 5.3 आकस्मिक आत्महत्या का ज्यादा जोखिम, खोया हुआ अनमोल जीवन कभी वापस नहीं आ सकता। 5.4 गंभीर चोटें और, विकलांगता का ज्यादा जोखिम। 5.5 आपातकालीन चिकित्सा उपचार पर भारी खर्च का बोझ 5.6 वाहन को नुकसान 5.7 भावी पीढ़ी के लिए विरासत में घातक सड़कें। 5.8 दुर्घटना के बाद देश को सालाना 5.96 लाख करोड़ रूपए का जीडीपी नुकसान। 5.9 हमारे देश की महानता को नुकसान 5.10 मनोबल कम और कमजोर हो जाता है 5.11 कार्य, बैठक, रिपोर्टिंग और वितरण कार्यक्रम में बाधा 5.12 दुर्घटना के बाद पीड़ित परिवारों को गरीबी में धकेला जाना 5.13 दूसरों पर दोषारोपण करके अपने आत्म-सुधार पर अड़ंगा लगाना और आकस्मिक आत्महत्याओं को बढ़ावा देना । 5.14 दुनिया में आकस्मिक आत्महत्याओं में भारत नंबर 1 पर है। 5.15 मन की गुलामी बढ़ती रहेगी. 5.16 खामियां बढ़ कर व्यवहार में गड़बड़ी पैदा करके खुद को और दूसरों को नुकसान पहुंचाएंगी 5.17 अगर आप सड़क यात्रा की किस्मत और विरासत को दोबारा लिखने की जहमत अभी टाल देते हैं हैं तो आकस्मिक आत्महत्या का खतरा खुद के लिए और भावी पीढ़ी के लिए बना रहेगा 5.18 इसे न लेकर आप समस्या का हिस्सा बन रहे हैं जिसे कोई नहीं चाहता। 5.19 डिस्काउंट ऑफर बंद हो जाएगा. 5.20 लकी डिप ऑफर आप मिस करेंगे। 5.21 ऐसे न करने का जोखिम उठाना चाहते हैं तो DND रोड यूजर रजिस्ट्रेशन कर लो
अगर यह कहने के बाद भी मना करते हैं तो उनसे FCA विज़न बोर्ड में दिए गए आइटम नंबर 33 के जरिये DND रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहना है और यह भी कहना है आप भविष्य में वे DND रजिस्ट्रेशन को तोड़ भी सकते हैं l जिस किसी से भी मिलो उसकी हाँ या न दोनों में से एक तो लेकर ही रहना है l पेमेंट नहीं तो DND का रजिस्ट्रेशन करवाना हैl
6. समापन - क्लोजिंग - एक एक लाइन को समझ लेना है जितना आप इन्हे याद रखेंगे आसानी से समापन / क्लोजिंग कर सकेंगे
6.1 विज्ञान और अध्यात्म के सुमेल से बना गिब्मा क्रिया करने के डिस्काउंट कूपन देश भर बेच रहे है 6.2 1000 की जगह सिर्फ 200 रु. में 6.3 साथ ही 1000/- रुपये का अपग्रेड बोनस* प्लस लकी डिप 1 करोड़ का नकद पुरस्कार जीतने के लिए 6.4 यदि आप बाद में ऐसा करते हैं, तो आपको 2000/- रुपये का भुगतान करना होगा। 6.5 मैं पहले ही 77 बेच चुका हूं और 23 कूपन के साथ छोड़ चुका हूं 6.6 याद रखें कि आप प्रतिदिन सड़कों पर आकस्मिक आत्महत्या का 82% जोखिम उठा रहे हैं 6.7 त्रेता युग में श्री रामचंदर जी ने लक्ष्मण जी से कहा था रावण से कुछ नैतिकता का ज्ञान लेलो और तब रावण ने यही ज्ञान दिया था शुभ काम को टालना नहीं, मतलब त्रेता युग मे भी लोगों को शुभ काम टालने की आदत थी लेकिन अब कलयुग में यह ख़राब आदत बहुत ज्यादा बढ़ गयी है. अब तो बच्चा बच्चा हर छोटे मोटे काम को टालता रहता है, बड़े तो टालते ही हैंl 6.8 अच्छी समझ तो सबको हैं लेकिन उसी अच्छी समझ को अमली जामा पहनाना टालते ही रहते हैं 6.9 उम्मीद है आप अच्छी समझ को अमली जामा पहनाने वालों में नहीं आना चाहते 6.10 भारत अब अच्छी बातों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिए है भारतासी अच्छी बातों को अमली जामा पहनाने में एकजुटता दिखा रहें हैं 6.11 शुभ काम को अमली जामा पहनाने के लिए मदर इंडिया केयर ने अमल भारत आंदोलन चलाया हुआ है 6.12 अमल भारत आंदोलन से जुड़ें और सुरक्षित वापस आएँ क्योंकि आपके परिवार को आपकी ज़रूरत है, 6.13 समाज में बड़ा बदलाव लाने के लिए पहले खुद में बदलाव लाना जरुरी है 6.14 मैंने भी सड़क यात्रा में अपनी किस्मत और विरासत दरुस्त कर ली, मेरे परिवार ने रिश्तेदारों ने परिचित लोगों ने सब ने दरुस्त कर ली 6.15 अनजान लोगों से भी मिलता हूँ तो वो भी बहुत अच्छा आन्दोलन है कह कर अपनी किस्मत और विरासत दरुस्त कर रहे हैं 6.16 खुद की किस्मत और विरासत ठीक करने के बाद, एकजुट हो कर सड़क सुरक्षा के सभी बाहरी कारणो को मिलकर दरुस्त करना है 6.17 संन 2030 तक भारत को आकस्मिक आत्महत्याओं से मुक्त करवाना है 6.18. यह पहला टूल है और दूसरा टूल है रैंकिंग, जिसमें सड़क उपभोक्ता को रैंकिंग दी जाएगी 6.19 एक जुट होने पर एक टूल यह भी है जो सड़कों पर गड्ढे ठीक करने का है, शहरी म्युनिसिपल्टी को सडकों के खराब गड्ढे तुरंत ठीक करने का नोटिस देना है और अगर देरी लगती है तो संस्था किसी कॉर्पोरेट से स्पांसर करवाने का काम करेगी, या एकजुट हुए लोग लोकल क्लब बना कर खुद ठीक करके पैसा म्युनिसिपल्टी से ले लेगी l वर्ना संस्था कोर्ट में जा के म्युनिसिपल्टी के विरुद्ध मुकदमा करके म्युनिसिपल्टी से खर्चा बापस लेने के लिए सहायता करती रहेगी 6.20 आप इस अमल भारत आंदोलन के जरिये लोगों की किस्मत और विरासत दरुस्त करने के अभियान को 10 में से कितने नंबर देना चाहेंगे 6.21 अगर वो 10 में से कम नंबर दे रहे तो पूछ लो नंबर कम कौन सी कमी सोच कर दिया है 6.22 और अगर वो कुछ भी कमी कहें, तो फिर से पूछो आपकी बतायी कमी को अभी के अभी दरुस्त करवा दूँ एक फ़ोन कर के ही तो आप पूरे 10 नंबर दे रहे? 6.23 समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बनें 6.24 आपने FC विज़न बोर्ड में दिए गए पॉइन्ट नंबर 41 भी खोल कर वहाँ दी गयी परिवर्तन की पुस्तिका भी दिखानी है और कहना है इसी परिवर्तन की पुस्तिका के जरिये लोग अपनी किस्मत और विरासत को दरुस्त कर रहे हैं आप नज़दीक की दूकान से कोई भी नोटबुक खरीद कर उस पर अपनी किस्मत और विरासत को दोबारा से लिख कर दरुस्त कर सकते हो l इसकी कीमत 100 रूपए है और यह हम थोक में ही सेल कर रहे हैं , स्कूलों, कालेजों और दफ्तरों में दे रहे हैं l 6.54 10 में से 10 नंबर दे रहे तो आपकी डील सम्पूर्ण होती है, हैप्पी क्लोजिंग * सड़क सुरक्षा निपुणता प्रोफाइल बनाना - RSP Profile creation - For RSP Score / Ranking
7. समापन करते समय या तो कॅश लेना है या नेक्स्ट स्टेप से ऑनलाइन लिंक के जरिए पेमेंट करवाना है रजिस्ट्रेशन करना है l अगर पेमेंट कर दिया है तो उनको यह कहना है आप आपने किसी परिचित को चैलेंज डाल सकते हैं चैलेंज में यही कहना है मैने सड़क यात्रा में अपनी किस्मत और विरासत ठीक कर ली, क्या आपने की है? उनसे FCA विज़न बोर्ड में दिए गए आइटम नंबर 34 के जरिये चैलेंज करवाना है l अगर वे अपने किसी परिचित के बारे में यह पता करना चाहते हैं उसने सड़क यात्रा में अपनी किस्मत और विरासत ठीक कर ली है तो उनसे FCA विज़न बोर्ड में दिए गए आइटम नंबर 32 के जरिये चेक करने को कहना है l उनके परिचित लोगों के नाम और नंबर देने के लिए कहना है l
अगर यह कहने के बाद भी मना करते हैं तो उनसे FCA विज़न बोर्ड में दिए गए आइटम नंबर 33 के जरिये DND रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहना है और यह भी कहना है आप भविष्य में वे DND रजिस्ट्रेशन को तोड़ भी सकते हैं l जिस किसी से भी मिलो उसकी हाँ या न दोनों में से एक तो लेकर ही रहना है l पेमेंट नहीं तो DND का रजिस्ट्रेशन करवाना हैl
8. जिसने अपनी किस्मत और विरासत दरुस्त कर ली है उसे आप यह प्रस्ताव दे सकते हैं - अगर आप 10 लोगों से उनकी किस्मत और विरासत दरुस्त करवाते हैं तो आपको फार्च्यून & लिगेसी इन्फ्लुएंसर एक्सीलेंस अवार्ड मिलेगा
9. जिसने अपनी किस्मत और विरासत दरुस्त कर ली है उसे आप यह प्रस्ताव दे सकते हैं - अगर आप 100 लोगों से उनकी किस्मत और विरासत दरुस्त करवाते हैं तो आपको फार्च्यून & लिगेसी मेंटर एक्सीलेंस अवार्ड मिलेगा
10. जिसने अपनी किस्मत और विरासत दरुस्त कर ली है उसे आप यह प्रस्ताव दे सकते हैं - अगर आप 1000 लोगों से उनकी किस्मत और विरासत दरुस्त करवाते हैं तो आपको फार्च्यून & लिगेसी हीलर एक्सीलेंस अवार्ड मिलेगा और साथ में 11000 की धनराशि भी मिलेगा l
11. जिसने अपनी किस्मत और विरासत दरुस्त कर ली है उसे आप यह प्रस्ताव दे सकते हैं - अगर आप 10000 लोगों से उनकी किस्मत और विरासत दरुस्त करवाते हैं तो आपको वतन का हीरा अवार्ड मिलेगा और साथ में 100000 की धनराशि भी मिलेगा l
12. सड़क यात्रा में किस्मत और विरासत के हीरो का सर्टिफिकेट लेने के लिए भी लिंक बताना है लोगों को सैंपल सर्टिफिकेट भी दिखाना है जिसमे RUR नंबर भी रहता है
13. गिब्मा क्रिया की बिजाई क्रिया करने के बाद देखभाई की क्रिया में आपको रोजाना रिवॉर्ड पॉइंट भी मिलते रहेंगे उसकी जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक और जानकारी प्राप्त करें
इसके अलावा नीचे दिए गए सवाल कर सकते हैं वो भी समझ सकते हैं
A. 3 ज्वलंत प्रश्न
1.1 आपके अनुसार प्रतिदिन सड़कों पर 500 से अधिक आकस्मिक आत्महत्याओं का कारण क्या है?
नीचे दिए गए उत्तरों में से एक उत्तर .....
मैं बहुत अनुभवी हूं, नियम पालनकर्ता हूं,
लोग और अपर्याप्त सुविधाएं।
क्योंकि दोनों ही श्रेणियों के लोग अपने-अपने आत्म-सुधार पर ताला लगा देते हैं, आत्म-सुधार की कमी के कारण आकस्मिक आत्महत्याएँ बढ़ रही हैं।
1.2 हमारा शरीर हमारे दिमाग से चलता है, हमारा दिमाग हमारे मन से चलता है और हमारा मन हमारी समझ बुद्धि से चलता है, यदि समझ बुद्धि प्राप्त करने के बाद हम यह कहते रहते हैं मुझे सब मालूम है और समझ बुद्धि को अमली जामा पहनाने को टालते रहते हैं तो कहाँ की समझदारी है?
1.3 क्या आप सहमत हैं के सड़क यातायात के समय हमारे चेहरे की आँखें तो सड़कों पर रहती हैं मन की आँख सड़कों पर कम ही होती हैं जिसके कारण आकस्मिक आत्महत्या का वायरस कभी भी हमला कर सकता है और हम भी इसके शिकार होने से अछूते नहीं है?
हम दिन भर हर जगह अपने मन के गुलाम बने रहते हैं एयर सड़कों पर भी मन की गुलामी करने के कारण हम आकस्मिक आत्महत्या के शिकार हो सकते हैं। आपके परिवार को आपकी जरूरत है, अपने परिवार की खातिर गीबम क्रिया करें और रोजाना सुरक्षित वापस आएं।
B. मुख्य प्रश्न
1. वह कौन सी चीज़ है जिसके लिए कहा जाता है कि हमारा भारत देश महान है? भारत अपने देशवासियों के महान कार्यों के कारण महान है और यदि देशवासी आकस्मिक आत्महत्या का शिकार हो रहे हैं तो क्या देश की महानता को क्षति नहीं पहुँच रही है?
2. क्या आप सहमत हैं, जिस प्रकार वाहनों में एक तंत्र होता है जो वाहन को चलाता है, उसी प्रकार मानव शरीर में भी एक तंत्र होता है जो शरीर को चलाता है, यदि दोनों में से किसी भी तंत्र पर नियंत्रण नहीं है तो दुर्घटना अवश्यंभावी है . ? क्या हम विज्ञान के चमत्कारों के फ़ायदों से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि उसके दुष्परिणामों पर ध्यान ही नहीं देते?
3. हमारे मन ने हमें गुलाम बना लिया है लेकिन क्या हम ये हुनर भी सीखते हैं कि अपने मन को गुलाम कैसे बनाएं? क्योंकि रोजाना होने वाली आकस्मिक आत्महत्याओं का सबसे बड़ा दोषी हमारा अंधा मन है जिस पर हम आंख मूंदकर विश्वास कर लेते हैं।
4 क्या हमने यह भी सीख लिया है कि सड़क पर चलते समय मन की आंख का चेहरे की आंखों के साथ तालमेल कैसे बिठाया जाए, क्योंकि आकस्मिक आत्महत्याओं का मूल कारण भी यही है? मन की नजर अतीत की यादों पर या भविष्य की चिंताओं पर अधिक केंद्रित होती है, उसे वर्तमान पर केंद्रित करना पड़ता है।
5. क्या आप जानते हैं कि आकस्मिक आत्महत्या, जिसे अवांछित आत्महत्या भी कहा जाता है, को कैसे रोका जाए? क्या आपने कभी इसे कहीं से सीखा है? अपने दोषों को तुरंत दूर कर लेना ही उचित है, अन्यथा वह बढ़कर विनाशकारी हो जाते हैं।
6. हमारा शरीर हमारे मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होता है, हमारा मस्तिष्क हमारे मन द्वारा नियंत्रित होता है और हमारा मन हमारी बुद्धि द्वारा नियंत्रित होता है। यदि बुद्धि प्राप्त करने के बाद हम उसका प्रयोग नहीं करते तो बुद्धि कहाँ है?
7. क्या आपके पास रोड सेफ्टी जीनियस माइंड माली सर्टिफिकेट है, क्या आपने गिब्मा क्रिया की है? अगर आपने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो जल्दी से कर लें, पूरे देश में गिब्मा क्रिया की डिस्काउंट कूपन सेल चल रही है, रोजाना आकस्मिक आत्महत्या के खतरे से बचने के लिए इसे एक आसान काम के जरिए कमाया जा सकता है।
1. वह कौन सी चीज़ है जिसके लिए कहा जाता है कि हमारा भारत देश महान है?
2. हमारे दिमाग ने हमें गुलाम बना लिया है लेकिन क्या आपने सीखा है कि अपने दिमाग को गुलाम कैसे बनाया जाता है?
3. क्या आपने सीखा है कि सड़कों पर यात्रा करते समय मन की दृष्टि कैसे बनाए रखें?
4. क्या आप जानते हैं आकस्मिक आत्महत्या, जिसे अवांछित आत्महत्या भी कहा जाता है, इसे रोकने के तरीके के बारे में कहीं नहीं सिखाया जाता है?
C. समाधान
गिब्मा क्रिया वैज्ञानिक रूप से सिद्ध समाधान है
सकारात्मक विकासवादी मनोविज्ञान शब्द बीज से मन की बगिया में बिजाई करनी है.
सड़क यात्रा में आप आपनी किस्मत और विरासत ठीक कर सकते हैं पढ़ने, लिखने, सांस लेने और पानी पिलाने का आसान काम, यह सुनिश्चित करके सभी को शामिल करना कि कोई भी पीछे न रह जाए। गिब्मा क्रिया का एक कूपन जल्द से जल्द ले लीजिए और और एक बेहद ख़ास बात यह कूपन सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा ही नहीं है, यह अपनी विरासत में सुरक्षित सडकें दे जाने का मुख्य द्वार है 01. क्या आप जानते हैं कि भारत में सडकों पर आकस्मिक आत्महत्याओं के कारण होने वाली मौतों के कारण हर दिन लगभग 500 परिवारों को अपने प्रियजनों के शव मिल रहे हैं और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है और याद रखियेगा हम विरासत मैं अपनी भावी पीढ़ी के लिए प्राण घातक सडकें दे रहे हैं और इसका सबसे बड़ा दोषी हमारे अंदर छिपा है जो हमारा अंधा मन है और हम उस पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं? 02. क्या आप जानते हैं कि सड़क दुर्घटना के पीड़ित परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियाँ उन्हें गरीबी में धकेल रही हैं और वे भोजन शिक्षा और आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं मानसिक शारीरिक वित्तीय और व्यावसायिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं और आत्महत्या भी कर रहे हैं और यह बहत बड़ा घोर अनर्थ हो रहा है? भावी पीढ़ी आपसे यह जरूर पूछेगी कि जब मदर इंडिया केयर ने इस घोर अनर्थ को ख़त्म करने के लिए अमल भारत आंदोलन चलाया था आपका क्या योगदान था? 03. क्या आप जानते हैं गीता के अनुसार घोर अनर्थ होता जान कर मौन रहना भी पाप है और जब कर्ण ने श्री कृष्ण जी से पुछा के उसके साथ अनर्थ क्यों हुआ तब श्री कृष्ण जी ने यही कहा द्रोपदी के चीर हरण समय तुम बोले तो थे पर अपनी क्षमता के हिसाब से किया कुछ नहीं और उन सभी मौन रहने वालों के साथ भी अनर्थ ही हुआ था ? 04. क्या आप जानते हैं कि आकस्मिक आत्महत्याओं का अनर्थ 82% मानवीय गलतियों के कारण होता है जिसके पीछे उनकी पुरानी मानसिकता होती हैं इसलिए इस जोखिम को कम करना महत्वपूर्ण है क्या आप इस 82% जोखिम को शून्य % करना चाहते हैं और रोजाना सड़कों पर होने वाले इस अनर्थ को आकस्मिक आत्महत्याओं के मूल कारण को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं ? 05. क्या आप सहमत है इस घातक अनर्थ को जड़ से खत्म करने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत है युद्ध स्तर के आंदोलन की जरूरत हैऔर दुनिआ में बदलाव देखना चाहते हैं तो खुद में भी बदलाव लाना होता है खुद से शुरुयात करनी होती है. क्या आप भी खुद के शब्दों में बदलाव करके मन की बगिया में शब्द बीज की बिजाई करने की छोटी सी शुरुयात करके बड़ा बदलाव लाने के लिए और इतिहास रचने के लिए तैयार हैं ? 06. क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार ने सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए पुरानी मानसिकता को बदलने की संभावना पर काम करने के लिए सामाजिक संस्थाओं का आह्वान किया है? 07. क्या आप सहमत है भारत में होने वाली आकस्मिक आत्महत्या का दोष भारत की जनसँख्या पर लगाना उचित नहीं है क्यों की छोटे से मुल्क सिंगापुर की जनसंख्या घनत्व भारत से 18 गुना ज्यादा है और सिंगापुर ने आकस्मिक आत्महत्या पर रोक लगा ली है और सिंगापुर से कुछ बेहतर करके हम भी रोक लगा सकते हैं ? 08. क्या आप सचमुच आत्म-धोखे की मानसिकता को तोड़ना चाहते हैं और सही कार्य पर अमल करके खुद के प्रति ईमानदार रहना चाहते हैं और खुद पर दया करके खुद को खुद से बचाना चाहते हैं क्योंकि हम अपनी ही जागीर के दास हैं जहां हमारा अपना राज्य होना चाहिए और वह है हमारा मन ? 09. क्या आप इस बात से सहमत हैं कि चोट लगने के बाद सलाह मृत्यु के बाद दी जाने वाली दवा के समान है क्योंकि जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है तब इस पर सबसे कम ध्यान दिया जाता है? हम विज्ञान के चमत्कारों से होने वाले फायदों से इतना प्रभावित हो जाते हैं कि इसके दोषों की तरफ ध्यान ही नहीं जाता ? 10. क्या आप जानते हैं जब कहीं बाढ़ आने से 100 लोग भी डूब कर मर जाएँ तो वहाँ पर पूरी दुनिया का ध्यान केंद्रित हो जाता है जबकि हर रोज़ भारत देश में अलग अलग जगहों पर रोज़ाना 500 से अधिक लोग आकस्मिक आत्महत्या के शिकार हो रहे हैं और यह गिनती बढ़ती जा रही है और इस घातक त्रासदी पर लोगों का ध्यान नहीं जा रहा है? 11. क्या आप जानते हैं जिस प्रकार हम जमीन में बुआई करते हैं उसी प्रकार हम अपने मन की बगिया में भी सही शब्द बीज की बुआई कर के अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और अगर गलत बीज की बुआई हो गयी तो अंजाम अनर्थपूर्ण होगा समय रहते खुद की खामियों में अगर सुधार नहीं किया तो खुद के आचरण और व्यवहार में अव्यवस्था पैदा हो जाती है जो खुद को और आस पास के लोगों को नुक्सान पहुंचाती रहती है ? 12. क्या आप जानते हैं जिस प्रकार अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा कर पुलिस द्वारा हमारे शरीर को बंदी बनाये जाने पर रोक लग जाती है ठीक उसी प्रकार सर्वशक्तिमान की अदालत में अग्रिम आभार की अर्जी लगाकर सड़कों पर यमदूत द्वारा मौत के फरिश्ते के द्वारा आत्मा को बंदी बनाये जाने पर रोक लग जाती है सड़क पर आकस्मिक आत्महत्या नहीं होती है? 13. क्या आप जानते हैं हमारे शरीर को हमारा दिमाग चलाता है और हमारे दिमाग को हमारा मन चलाता है और हमारे मन को हमारी बुद्धिमत्ता चलाती है लोग गाड़ी चलाना तो सीख लेते हैं पर अपने शरीर को कैसे चलाना है और आकस्मिक आत्महत्या से खुद को कैसे बचाना है यह नहीं सीखते? 14. क्या आप जानते हैं मन की गुलामी की विवशता में जब किसी की एक्सीडेंटल सुसाइड में मौत हो जाती है तो लोग यही कहते हैं गलती की है तो सज़ा भी भुगतनी पड़ेगी वातावरण को नकरात्मकता से दूषित कर रहे हैं जिसके प्रभाव से आकस्मिक आत्महत्या में बढ़ोतरी होती जा रही है जबकि गलतियों और खामियों में सुधार किया जा सकता है? 15. लोग जाने अनजाने में गलतियाँ करते हैं और उन्हें दोहराते हैं क्योंकि वे गलतियों को सही मानते हैं और अब गलतियों को सही करने का समय आ गया है सही पर अमल करने का समय आ गया है क्या आप सचमुच मानवीय अज्ञानता को दूर करके सही पर अमल करके सड़क दुर्घटनाओं के मूल कारण के समाधान का हिस्सा अभी से ही बनना चाहते हैं? 16. क्या आप अपने परिवार की खातिर सचमुच अपनी किस्मत दोबारा लिखना चाहते हैं वरना हालात तो पहले ही लिख चुके हैं लोग ठोकर खा कर अनमोल जीवन गंवा कर ही सही पर अमल करते हैं और कभी न भरपाई की जाने वाले बड़े भारी नुक्सान से बचने के लिए अपना नसीब अभी ही लिखते हैं ? A. मदर इंडिया केयर ने गिब्मा क्रिया एक ख़ास तंत्र तैयार किया है जो मन की बागवानी करने का और आकस्मिक आत्महत्याओं के मूल कारण को ठीक करने का और अपनी भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित सड़कें अपनी विरासत में देने का लिए एक विशेष तंत्र है। B गिब्मा क्रिया दुनिया में पहली अनूठी पहल है और इसे ग्लोबल विजडम रिसर्च द्वारा मन की बागवानी करने के लिए बहुत प्रभावी तंत्र के रूप में सिद्ध भी किया गया है और इसे अमली जामा पहनाने के लिए मदर इंडिया केयर द्वारा अमल भारत आंदोलन की भी शुरुयात की गयी है C. हम गिब्मा क्रिया के माध्यम से प्रतिभाशाली मन की बागवानी करवाने के लिए मदर इंडिया केयर के राष्ट्रीय डेयर की पेशकश कर रहे हैं और सड़क उपयोगकर्ता इसे स्वीकार कर रहे हैं और समाधान का हिस्सा बन रहे हैं। D. सड़क उपयोगकर्ताओं को गिब्मा क्रिया में संलग्न किया जाता है उन्हें ज्ञान और जागरूकता के साथ-साथ मनोविज्ञान के विज्ञान के आधार पर तैयार किये गए सही शब्द बीज प्रदान किये जाते हैं और इस पर अमली जामें को सुनिश्चित भी किया जाता है। E. हम लोगों तक पहुंच रहे हैं और उन्हें सूचित कर रहे हैं कि आकस्मिक आत्महत्या के ज्वलंत मुद्दे का समाधान मिल गया है और वह है गिब्मा क्रिया और लोग गिब्मा क्रिया के लिए आगे आ रहे हैं कुछ लोग सलाह की कीमत पर और अन्य जीवन की कीमत पर। F. अमल इंडिया आंदोलन में शामिल हों और समाधान का हिस्सा बनें और खुद को बचाएं और अपनी भावी पीही के लिए सुरक्षित सड़कें अपनी विरासत में देने की व्यवस्था करें क्योंकि हम बिना जाने-समझे आत्म-धोखे के पैटर्न में फंस गए हैं. और अपनी गलतियों को दोहरा रहे हैं और उन्हें सही ही मान रहे हैं G. गिब्मा क्रिया आपको अपने साम्राज्य का स्वामी बनने अपने मन पर नियंत्रण रखने और नियंत्रण से बाहर की दुनिया में आत्म-नियंत्रण का स्वामी बनने का अधिकार देती है। और इस अभियान को 2030 तक भारत में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में 360 डिग्री घुमा देने के नेक लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकीकृत है। H. गिब्मा क्रिया सरल प्रक्रिया करने से आपको प्रतिभाशाली मनमाली बन जाएंगे और आपको प्रमाण पत्र और आर यू आर नंबर भी आवंटित हो जाएगा और यह आर यू आर नंबर आपको लकी डिप के माध्यम से एक करोड़ नकद का विजेता भी बना सकता है। पहला ईनाम एक करोड़ कॅश दूसरा ईनाम कार एंड तीसरा ईनाम बाइक है I.. एक व्यक्ति को केवल एक एक ही प्रमाण पत्र और आरयूआर नंबर की अनुमति होगी लकी डिप के लिए एक व्यक्ति को 2 या अधिक प्रमाण पत्र और आरयूआर नंबर आवंटित नहीं किए जाएंगे यदि कोई 2 प्रमाण पत्र और आरयूआर नंबर लेता है तो दूसरा प्रमाण पत्र और आरयूआर नंबर अमान्य होगा।
गिब्मा क्रिया करें और अपनी जागीर के मालिक बनें। और हर दिन सुरक्षित रूप से अपने घर वापस आएं। जीआईबीएमए क्रिया एक विशेष तंत्र है जिसे ग्लोबल विजडम रिसर्च द्वारा वैज्ञानिक रूप से मन की बागवानी के लिए सबसे प्रभावी तंत्र के रूप में सिद्ध किया गया है।
हम सभी जानते हैं कि क्या सही है लेकिन हम उन सिद्धांतों को अपने दैनिक जीवन में लागू नहीं करते हैं। हमने 3-4 दिनों तक कोशिश की होगी लेकिन हम करना बंद कर देते हैं और पुरानी आदत पर वापस आ जाते हैं। अमल इंडिया मूवमेंट - एआईएम का उद्देश्य जागरूकता संबंधी बुद्धिमत्ता को समझदारी से लागू करके और सार्वजनिक जागरूकता को तैयारियों में बदलकर आपको खुद से बचाना है। राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हों, एकजुटता दिखाएं, जीआईबीएमए क्रिया का उपयोग करके मानसिक बागवानी के माध्यम से खुद को बचाने के लिए मदर इंडिया केयर के राष्ट्रीय साहस को स्वीकार करें। |